Header Ads

ads header

Breaking Story

कुचिसाके ओना एक खूबसूरत चुड़ैल जो सिर्फ एक सवाल पूछती है। जवाब देने पर मौत। न देने पर भी मौत |

real horro story of kuchisake onna in hindi,कुचिसाके ओना एक खूबसूरत डायन जो सिर्फ एक सवाल पूछती है। जवाब ना देने पर मौत। 


1970 से १०८०  में जब जापान एक तरफ बहोत ही तेज़ी से प्रगति और विकास की और तेज़ी से बढ़ रहा था। लेकिन वही दूसरी और जापान के कुछ भाग में। डर और दहशत फ़ैल रहा था। दहसत एक ऐसी खूबसूरत  चीज का जो है। या नहीं ये कहना मुश्किल था। डर था एक खूबसूरत सी औरत का जो किसी भी समय रात को प्रकट होती थी । और एक सवाल पूछती थी। अगर कोई उसके सवाल का जवाब दे देता था। तो बच तो जाता था। लेकिन उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाती थी। और जो उसके सवालो का जवाब नहीं देता था। उसे अपनी जन्दगी से हाथ धोना पड़ जाता था। उस दहसत का नाम था। कुचिसाके ओना। 

आज ऐसे ही एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हु। उम्मीद है आपको पसंद आएगी। आपसे गुरजारिश है। अगर आपने अभी तक हमारा कथा बाजार यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है। तो कर ले ताकि ऐसे ही सच्ची कहानिया आप तक पहोच पाए। 

कुचिसाके ओना चहरे पर सर्जिकल मास्क पहन के जापान के सुनसान रास्तो पर ज्यादातर छोटे बच्चो का अपना सीकार बनती थी। कुचिसाके ओना अपना चेहरा सर्जिकल मास्क से छुपा कर रखती थी। और वो साम ६ बजे से सुबह के ६ बजे तक सुनसान रास्तो पर घुमा करती थी। और उस समय जो उसका सीकर हो जाता था। वो उनसे एक सवाल पूछती थी। की क्या मैं सुन्दर हु। सुनने में तो ये एक मामूली सा सवाल लगता है। लेकिन इसका जवाब उतना ही पेचीदा था। क्योंकि इसका जवाब आपकी जान बचा सकता है। और ले भी सकता है। 

अगर कोई इसके सवाल का जवाब ना में देता था। उसके बाद कुचिसाके ओना उसके ऊपर कैंची से हमला कर देती थी। और उसे बेरहमी से मार देती थी। और अगर जवाब हाँ में दिया तो वो अपना सर्जिकल मास्क उतार देती थी। और अपना डरावना चेहरा दिखती थी। उसका चेहरा दो भाग में बता होता था। मनो की जैसे उसके चहरे को किसी ने बेरहमी से कैंची से काट दिया हो। और फिर वो अपना सवाल दोहराती थी। क्या मैं अब सुन्दर दिखाई देती हु। कुचिसाके ओना का डरावना चेहरा देखने के बाद अगर कोई उसके सवालो का जवाब न में देता था। तो भी वो उसे बेरहमी से मार देती थी। और अगर जवाब हाँ में होता था। तो कुचिसाके ओना उसके चहरे को काट के अपने जैसा कर के छोड़ देती थी। जिससे कुछ ही दिनों में लोंगो की मौत हो जाती थी। 

जापान में 1970 के दशक में इस खौफनाक बाला का दहशत बहोत हि तेजी से बड़ रहा था। और डर इतना की लोग अपने बच्चो को घरों से बहार नहीं जाने देते थे। कई लोग तो अपने बचो को स्कूल भेजना भी बंद कर दुया था। और कुचिसाके ओना के खबरों से वहा के अखबार भरे रहते थे। बहोत से लोग ने ये दवा भी किया की वो कुचिसाके ओना को देखा है। और उसकी दहसत इतनी बड़ गई की। जापान सरकार ने स्कूल जाने वालो बचो को पोलिश प्रोटेक्शन देने लगे थे। लेकिन फिर भी उसने कई लोगो को अपना शिकार बनाया लेकिन वो ऐसा कुए करती थी। 

ये कहानी सुरु होती है। जापान के एक छोटे से गांव से लगभग 1200 साल पहले की बात है। जापान के एक छोटे से गांव में एक बेहद खुनसुरत लड़की थी। जिसको अपनी खुबसुरती पर बहोत नाज़ था। उसकी सादी होने के बाद वो अपने पति के घर गई। उसका पति एक समुराई था। लेकिन उनकी सादी के कुछ सालो बाद ही उसके पति को युद्ध करने के लिए वहा के राजा ने उसको बुलाया। और उसे युद्ध पे भेज दिया। कुछ समय बाद वो युद्ध समाप्त हुई और उसका पति घर वापस आया। तो उसने अपने पत्नी यानि कुचिसाके ओना को किसी और मर्द के साथ आपत्ति जनक इस्तिति में पाया ये देख के वो समुराई बेहद क्रोधित हो गया। और अपने तलवार से अपने बीबी को घायल कर दिया और उस वार से कुचिसाके ओना का मुँह फट गया। और फिर अपनी बीबी को बोला की अब कौन तुम्हे खूबसरत कहेगा। इतना कह कर वो समुराई हमेशा  हमेशा के लिए घर छोड़ कर चला गया। 

समुराई के वार से उसका चेहरा बेहद बदसूरत हो गया था। और जब उसने अपना चेहरा आइना में देखा तो वो बेहद डरावनी लगने लगी थी। और उसे ये देख कर काफी गहरा सदमा पहोचा। और वो ये सदमा बर्दाश न कर सकी। और उसने आत्महत्या कर ली। वो खूबसूरत औरत मर गई और सबको लगा ये कहानी यही ख़त्म हो गई। लेकिन लगभग १२०० साल बाद वो फिर से वापस आई लेकिन एक आत्मा के रूप में। और बन गई कुचिसाके ओना। जापान के लोगो का मानना है की कुचिसाके ओना आज  भी जापान के सुनसान इलाके में अपना शिकार के तलाश में निकलती है।  

दोस्तों कैसी लगी कुचिसाके ओना की खौफनाक आप बीती हमें कमैंट्स कर के जरूर बताये और ऐसे ही सच्ची कहानी सुनाने के लिए कथा बाजार यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करे ताकि ऐसे ही कहानिया आप तक पहोच सके। फिर मिलूंगा अगली वीडियो में तब तक अपना और अपनों का ख्याल रखे हस्ते रहे मुश्कुराते रहे और बोलते रहे जय हिन्द जय भारत। 

No comments